राजस्थान सरकार ने ई-मित्र सेवाओं के लिए नया पोर्टल लॉन्च किया है, लेकिन यह नई सुविधाएं लाने के बजाय नई परेशानियां लेकर आया प्रतीत हो रहा है। कई ई-मित्र धारकों और कियोस्क ऑपरेटर्स को इस नए पोर्टल के साथ काम करने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
नए पोर्टल की प्रमुख समस्याएं
सबसे बड़ी समस्या जाति और मूल प्रमाण पत्र से संबंधित सेवाओं में आ रही है। नए पोर्टल पर जब कोई उपयोगकर्ता जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना चाहता है तो या तो खोज (सर्च) कार्य नहीं हो पा रहा है, या फिर जन आधार कार्ड से खोज होने के बाद भी ओटीपी नहीं जा रहा है। इसके अलावा भी कई तकनीकी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।
पोर्टल का नया इंटरफेस
नए पोर्टल का इंटरफेस पूरी तरह से बदल गया है। अब यहां ई-मित्र धारक की जानकारी, श्रेणी और सेवाएं अलग-अलग सेक्शन में दिखाई देती हैं। सेवाओं को दो भागों में बांटा गया है – यूटिलिटी सेवाएं और एप्लीकेशन टाइप सेवाएं। हालांकि डिजाइन में सुधार हुआ है, लेकिन कार्यक्षमता पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
किन सेवाओं में आ रही है दिक्कत?
जबकि पुराने पोर्टल पर चल रही अधिकांश सेवाएं जैसे जन आधार कार्ड और राशन कार्ड से संबंधित सेवाएं सही तरीके से काम कर रही हैं, वहीं नए पोर्टल पर शिफ्ट की गई सेवाएं विशेषकर जाति और मूल प्रमाण पत्र से संबंधित सेवाएं ठीक से काम नहीं कर रही हैं। इससे कई ई-मित्र कियोस्क ऑपरेटर्स का काम रुक गया है, जिन्होंने पहले ही लोगों से फॉर्म लेकर आज अपलोड करने का वादा कर रखा था।
नए पोर्टल की अन्य विशेषताएं
नए पोर्टल में कुछ अतिरिक्त सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं:
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भाषा बदलने का विकल्प
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ई-मित्र प्रमाणपत्र डाउनलोड करने की सुविधा
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वॉलेट विवरण देखने की सुविधा
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वॉलेट रिफिल करने का सीधा विकल्प
ई-मित्र ऑपरेटर्स की मांग
कई ई-मित्र ऑपरेटर्स और उपयोगकर्ताओं का मानना है कि जब तक नया पोर्टल पूरी तरह से अपडेट और सही तरीके से काम करने लायक नहीं हो जाता, तब तक सरकार को पुराना पोर्टल ही जारी रखना चाहिए। उनका तर्क है कि आधे-अधूरे अपडेट से बेहतर है कि जो सिस्टम ठीक से काम कर रहा है, उसे ही जारी रखा जाए।
निष्कर्ष
जबकि नए ई-मित्र पोर्टल का इंटरफेस अधिक आकर्षक और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया गया है, लेकिन कार्यात्मक समस्याओं ने इसके लाभों को कम कर दिया है। राजस्थान सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह जल्द से जल्द इन तकनीकी समस्याओं का समाधान करेगी ताकि ई-मित्र सेवाओं का लाभ सही तरीके से आम जनता तक पहुंच सके। जब तक यह समस्याएं दूर नहीं होतीं, तब तक पुराने पोर्टल को जारी रखना ही बेहतर विकल्प प्रतीत होता है।