भारतीय स्टेट बैंक (SBI), जो देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है, वर्ष 2025 से अपने ग्राहकों के लिए कई अहम बदलाव करने जा रहा है। इन बदलावों का मकसद बैंकिंग सेवाओं को अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और डिजिटल रूप से उन्नत बनाना है। यदि आपका खाता एसबीआई में है, तो यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है कि इन बदलावों से आपकी बैंकिंग कैसे प्रभावित होगी।
KYC अपडेशन हुआ अनिवार्य
SBI ने सभी ग्राहकों के लिए KYC (Know Your Customer) अपडेट कराना अनिवार्य कर दिया है। इसका उद्देश्य खाताधारकों की पहचान को प्रमाणित करना और फर्जी खातों को रोकना है। यदि कोई ग्राहक समय पर KYC अपडेट नहीं करता है, तो उसका खाता अस्थायी रूप से फ्रीज किया जा सकता है। आधार कार्ड, पैन कार्ड और पते के प्रमाण जैसे दस्तावेज इसकी प्रक्रिया में आवश्यक हैं। ग्राहक अपने नजदीकी ब्रांच या YONO ऐप के माध्यम से KYC अपडेट कर सकते हैं।
डिजिटल ट्रांजैक्शन पर राहत, शुल्क में कमी
डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देने के लिए SBI ने UPI और अन्य ऑनलाइन ट्रांजैक्शन पर लागू होने वाले शुल्क में कमी करने का फैसला किया है। इससे ग्राहकों को ऑनलाइन पेमेंट और डिजिटल लेन-देन में राहत मिलेगी। बैंक का मानना है कि इससे डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा और लोग ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए प्रेरित होंगे।
नया Basic Savings Account लॉन्च
कम आय वर्ग के लोगों की सुविधा के लिए SBI ने एक नया Basic Savings Account पेश किया है। इस खाते में न्यूनतम बैलेंस ₹500 रखा गया है, साथ ही ग्राहकों को मुफ्त डेबिट कार्ड, प्रति माह 4 बार मुफ्त एटीएम निकासी और 2.70% की वार्षिक ब्याज दर जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यह खाता विशेष रूप से छात्रों, गृहिणियों और मजदूर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
ATM निकासी शुल्क में बढ़ोतरी की संभावना
SBI ग्राहकों को अब अन्य बैंकों के ATM से नकद निकासी पर ज्यादा शुल्क देना पड़ सकता है। यदि कोई ग्राहक SBI के अलावा किसी अन्य बैंक के एटीएम से अधिक बार पैसे निकालता है, तो अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। हालांकि SBI ATM से सीमित संख्या में मुफ्त निकासी की सुविधा पहले की तरह बनी रहेगी। यह बदलाव खासकर उन ग्राहकों को प्रभावित करेगा जो बार-बार थर्ड पार्टी ATM का उपयोग करते हैं।
SBI क्रेडिट कार्ड पर नई फीस संरचना लागू
SBI अपने क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए 1 दिसंबर 2025 से नई शुल्क संरचना लागू करने जा रहा है। अगर ग्राहक न्यूनतम भुगतान से कम भुगतान करते हैं या क्रेडिट को EMI में बदलते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। बैंक ने ग्राहकों को पहले ही इस संबंध में सूचित किया है ताकि वे अपने खर्चों की बेहतर योजना बना सकें और अनावश्यक शुल्क से बच सकें।
ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव के लिए साइबर सुरक्षा टिप्स
बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए SBI ने अपने ग्राहकों को ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर सतर्क किया है। बैंक ने सलाह दी है कि ग्राहक कभी भी अपना OTP, पासवर्ड या कार्ड डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें। अनजान लिंक पर क्लिक न करें और पब्लिक वाई-फाई पर बैंकिंग न करें। यह ग्राहकों की डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
SMS अलर्ट पर भी लगेगा मामूली शुल्क
SBI ने SMS अलर्ट सेवा के लिए सामान्य शुल्क लागू करने का निर्णय लिया है। अब ग्राहकों को प्रत्येक ट्रांजैक्शन की सूचना SMS के माध्यम से प्राप्त करने के लिए नाममात्र का शुल्क देना होगा। यह सेवा ग्राहकों को उनकी वित्तीय गतिविधियों पर निगरानी रखने में मदद करेगी और बैंकिंग अनुभव को और भी सुरक्षित बनाएगी।
निष्कर्ष
भारतीय स्टेट बैंक के ये बदलाव देशभर के करोड़ों ग्राहकों के लिए काफी अहम हैं। जहां कुछ बदलाव डिजिटल बैंकिंग को और सुविधाजनक बनाएंगे, वहीं कुछ में मामूली शुल्क में बढ़ोतरी भी की गई है। कुल मिलाकर ये सारे बदलाव ग्राहकों की सुरक्षा, सुविधा और पारदर्शिता को ध्यान में रखकर लागू किए जा रहे हैं। यदि आप भी SBI ग्राहक हैं, तो इन नियमों और परिवर्तनों के प्रति जागरूक रहना आपके लिए आवश्यक है, ताकि आप बिना किसी असुविधा के बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकें।